आदत

0 second read
0
473
Sunil

मीकू बंदर उछल-उछलकर, तोड़ रहा था आम। चोरी की आदत से उसकी, दुःखी था मोटाराम।।

तोताराम ने बड़े प्यार से कई बार समझाया, लेकिन वह तो था जिद्दी, नहीं समझ में उसको आया।।

पेड़ के मालिक ने एक दिन, उसकी करी खूब धुनाई। छोड़ चोरी की आदत, वह करने लगा पढ़ाई।

शिक्षा : गलती करने के पश्चात, उसको समझकर तथा आगे उन्हीं गलतियों को न दोहराने की शपथ लेने वाला ही सच्चा मनुष्य हैं

Load More Related Articles
Load More By admin
Load More In Student Corner

Check Also

Career Point Gurukul: Shaping Futures in Rajasthan’s Top Boarding Schools

Rajasthan, known for its rich cultural heritage and historical significance, is also home …